CIBIL Score Update : अगर आप भी लोन लेना जाते है तो आपको क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) की जरुरत होती है बात दे की सिबिल स्कोर का प्रबंधन करने वाली संस्था व्यक्तियों और गैर-व्यक्तियों के लोन और क्रेडिट कार्ड्स से संबंधित भुगतानों के रिकॉर्ड को एकत्रित करके रखता है और ये रिकार्ड अन्य फाइनेंस संस्था एवं बैंक हर महीने संस्था में भेजे जाते हैं।
CIBIL Score Update : सम्पूर्ण जानकारी को मिला कर क्रेडिट इन्फोर्मेशन रिपोर्ट (CIR) तथा क्रेडिट स्कोर बनाया जाता है जिसमे कर्जदाता लोन आवेदन का मूल्यांकन होता है जिसके बाद लोन की स्वीकृत किया जाता है जब हम लोन लेते है तो पहले इसे चेक किया जाता है औरऔर अगर ये कम होता है तो बैंक बिना सोचे लोन को ख़ारिज कर देती है और जितना स्कोर अच्छा होता अहि उतना ज्यादा लोन हमें दिया जाता है |
CIBIL Score Update : बात दे की RBI ने सिबिल स्कोर (CIBIL Score) को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया है जिसमे अनेक नियमो को बनाया गया है, पहेल सिबिल स्कोर (CIBIL Score) को लाकर अनेक शर्ते थी जिसके बाद बैंक नियमो को सख्त किया है क्रेडिट ब्यूरो में डेटा सुधार न होने के कारण और क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट पर शिकायतों की संख्या भी बतानी होगी, साथ ही RBI ने अप्रेल से नियम लागु करने के लिए कह है |
1- सिबिल चेक करने के किए ग्राहक को देनी होगी सूचना
RBI ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को बोला है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उस ग्राहक को इसकी जानकारी भेजा जाना जरूरी है। यह जानकारी एसएमएस या ईमेल के जरिए दी जा सकती है।
2- बतानी होगी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की वजह
केंद्रीय बैंक के अनुसार अगर किसी ग्राहक की किसी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसे इसकी वजह बताया जाना जरूरी है। इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि किस कारण से उसकी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया गया है।
3- साल में एक बार ग्राहकों को देनी होगी फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट
RBI के अनुसार क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर अपने ग्राहकों को मुहैया कराया जाना चाहिए। इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक डिस्प्ले करना होगा, ताकि ग्राहक अपनी फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट आसानी से चेक कर सकें। इससे साल में एक बार ग्राहकों को अपना सिबिल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री के बारे में पता चल जाएगा।
4- डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना है जरूरी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार अगर कोई ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है तो डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी है। लोन देने वाली संस्थाएं SMS/ई-मेल भेजकर सभी जानकारी शेयर करें। इसके अलावा बैंक, लोन बांटने वाली संस्थाएं नोडल अफसर रखें। नोडल अफसर CIBIL Score से जुड़ी दिक्कतें सुलझाने का काम करेंगे।
5- 30 दिन में हो शिकायत निपटारा, वरना रोज लगेगा जुर्माना
अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर-अंदर ग्राहकों की शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो फिर उसे हर दिन 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना चुकाना होगा। यानी जितनी देर से शिकायत का निपटारा किया जाएगा, उतना ही अधिक जुर्माना देना होगा। लोन बांटने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा। 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक जुर्माना देगा। वहीं बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया गया तो क्रेडिट ब्यूरो को हर्जाना देना पड़ेगा।